Sanyukt Kisan Morcha Meeting

किसान आंदोलन खत्म होने का ऐलान? संयुक्त किसान मोर्चा की बड़ी बैठक

Sanyukt Kisan Morcha Meeting

Sanyukt Kisan Morcha Meeting

Sanyukt Kisan Morcha Meeting : संयुक्त किसान मोर्चा की जो बड़ी और अहम बैठक चार दिसम्बर को तय की गई थी, वह आज शनिवार को हो रही है| माना जा रहा है कि इस बैठक में कोई बड़ा नतीजा सामने आ सकता है| किसान आंदोलन खत्म होने का ऐलान भी संभव बताया जा रहा है| ऐसा कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन में शामिल कुछ लोग अब इस आंदोलन को खत्म करने के मूड में हैं| लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बार-बार यह बात दोहराते नजर आ रहे हैं कि जबतक किसान आंदोलन की सभी मांगों को नहीं माना जायेगा| ये आंदोलन कहीं नहीं जाने वाला| राकेश टिकैत का इस बैठक को लेकर कहना है कि मांगों को पूरा न किये जाने तक यह आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा, इसपर चर्चा होगी| इसके साथ ही अगर इन मांगों पर सरकार बातचीत करेगी तो कैसे बातचीत करनी है, इसपर चर्चा होगी। टिकैत ने कहा कि हमारी मुख्य मांग एमएसपी पर कानून है| जिसे भारत सरकार को देखना है| इसके साथ ही हमारी और भी जो मांगें हैं उन्हें भी पूरा किया जाना चाहिए|

एमएसपी है और एमएसपी रहेगा- कृषि मंत्री

बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा है कि एमएसपी है और रहेगा| किसानों को आंदोलन वापस लेना चाहिए| दरअसल, कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी जारी थी और आने वाले कल में भी जारी रहेगी। प्रधानमंत्री ने एमएसपी पर विचार करने और उसे प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए कमेटी भी बना दी है|

ध्यान रहे कि, जिन तीन कृषि कानूनों को लेकर ये आंदोलन शुरू हुआ था वह कानून अब रद्द हो गए हैं| पीएम मोदी ने हाल ही में तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था| जिसके बाद जब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तो लोकसभा और राज्य सभा में इन कानूनों की वापसी विधेयक पेश किया गया| जहां दोनों सदनों से कानूनों की वापसी पास हो गई और बाद में फिर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानूनी रूप से तीनों कृषि कानों रद्द हो गए|

CM खट्टर के साथ बैठक हुई....

इधर, आपको बतादें कि, बीते शुक्रवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी सहित किसान आंदोलन के नेताओं की CM खट्टर के साथ बैठक हुई| यह बैठक किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों और मुआवजे को लेकर की गई थी| लेकिन बैठक बेनतीजा रही| इस बैठक में किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए तो सहमति बन गई परन्तु विरोध के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजे के संबंध में कोई ठोस बात नहीं बन पाई| बीकेयू नेता राकेश टिकैत का कहना है कि पंजाब की तरह, हमें किसानों की मौत और रोजगार के लिए मुआवजे की जरूरत है|